ईद भाईचारे और खुशियों का त्यौहार है ये लोगों के लिए खुशियाँ लेकर आता है. ईद के दिन सारे मुसलमान एक दूसरे के घर ईद मनाने जाते है, लेकिन वाराणसी की रहने वाली शबाना के साथ ईद पर जो हुआ उसको पढ़कर आप दंग हो जाएंगे. क्योंकि ऐसी कहानी ना आपने कभी सुनी होगी ना कभी पढ़ी होगी. ईद के दिन किसी लड़की के साथ ऐसा भी हो सकता है क्या? ईद के दिन जब शबाना ने फोन किया तो उसके बाद उसके साथ जो हुआ वो पढ़कर हर कोई हैरान था. जब शबाना के घर अचानक पहुंचे अधिकारियों को देखकर लोगों में भी एकाएक हलचल मच गई.
आपको बता दें कि वाराणसी की रहने वाली शबाना के घर पर ईद की कोई तैयारी नहीं थी. शबाना के घर की हालत ऐसी नहीं थी कि वो अपने कपड़े बनवा सकें. शबाना बहुत परेशान थी रो रही थी तो उसके दिमाग में एक ख्याल आया. उसने जिले के जिलाधिकारी का नंबर पता किया और उसके बाद उनको फौरन एक मैसेज किया. उसको नहीं पता था की इस मैसेज के बाद उसके साथ कुछ होगा भी या नहीं. लेकिन शबाना का मैसेज पढ़ने के बाद जि ईद के एक दिन पहले अपने मोबाइल पर ऐसा मैसेज देखकर जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र ने तुरंत उप-जिलाधिकारी सदर सुशील कुमार गौड़ को तलब किया. उनको कहा की शबाना के घर नए कपड़े, मिठाइयां और ईद की सेवईयों के पैसे भेजे. ताकि ईद के दिन वो शबाना को ईदी दे सके. इतने अफसरों को एक साथ अपने घर पर देखकर शबाना डर गई.
लेकिन जैसे ही शबाना को पता चला कि ये सब उसके लिए ईदी लेकर आये है. तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. उसको यकीन नहीं हो रहा था कि उसके मैसेज से ये सब हो जाएगा. शबाना ने मैसेज में लिखा डीएम सर, नमस्ते, मेरा नाम शबाना है और मुझे आपकी थोड़ी सी हेल्प की जरूरत है. सर सबसे बड़ा त्यौहार ईद है. सब लोग नए कपड़े पहनेंगे लेकिन हमारे परिवार में नए कपड़े नहीं आए. मेरे माता-पिता नहीं है. 2004 में इंतकाल हो चुका है. मेरे घर में मैं और मेरी नानी और छोटा भाई है सर.लाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र को झकझोर कर रख दिया.